Cyber Security क्या है? Cyber security कितने प्रकार की होती है? जानें पूरी जानकारी!
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Cyber Security क्या है? Cyber security कितने प्रकार की होती है? जानें पूरी जानकारी!

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Cyber Security क्या है: जितनी speed से दुनिया भर में internet का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उतनी ही ज्यादा speed से cyber crime भी बढ़ते जा रहा है। एक report के मुताबिक आज विश्व भर में तकरीबन 5.56 billion से भी ज्यादा internet user हैं। जो आए दिन cyber crime के जाल में फंस जाते हैं।

ऐसे में cyber crime को रोकने के लिए cyber security की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। क्योंकि यह तमाम internet users चाहे वह विभिन्न organizations हो या government sector उन्हें साइबर हमले से सुरक्षित रखने में मदद करता है। तो आए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं साइबर सुरक्षा क्या है, साइबर सुरक्षा कितने प्रकार की होती है – 

🔗 Contents

साइबर सिक्योरिटी क्या है| What is Cyber Security?

Cyber security एक ऐसी technique या प्रणाली है, जो digital systems, programs, networks, software और data को unauthorised access, चोरी या किसी भी तरह के साइबर खतरे से बचाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।

दरअसल इसका मुख्य उद्देश्य internet और digital world में मौजूद खतरों जैसे कि hacking, virus, data चोरी आदि से protect करना है। सरल भाषा में कहा जाए तो यह आपके computer, laptop, mobile या online data को digital चोरी से बचाता है।

साइबर सिक्योरिटी आज के समय में बहुत ज्यादा important है, क्योंकि आज हमारा सारा काम online होता है। चाहे वह bancking हो, shopping हो या Social media. ऐसे में अगर यह सुरक्षित ना हो, तो हमारा पैसा या personal information हमारी identity सब खतरे में पड़ सकती है।

Cyber security कितने प्रकार की होती है | Types of cyber security

Cyber security कई तरह के होते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों और खतरों पर focus करते है। आज हम यहां इसके कुछ मुख्य प्रकार के बारे में चर्चा करने वाले हैं।

नेटवर्क सिक्योरिटी (Network security)

Network security एक ऐसी प्रक्रिया है, जो विभिन्न computer networks जैसे internet, LAN, WAN आदि को unauthorised access, हमले और data चोरी से बचाती है। साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करती है, कि network सुरक्षित रहे और उसमें मौजूद data या devices पर कोई खतरा ना आए।

Network security का main motive hackers को network में घुसने से रोकना और data transfer को सुरक्षित करना है। यह network के हर level पर काम करती है जैसे router, server, switch आदि।

इसके अंतर्गत विभिन्न तरह के खतरे शामिल होते हैं जैसे DDoS attack (distributed denial of service) जिसमें hackers network को traffic से भरकर क्रैश करने की कोशिश करता है।

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क्लाउड सिक्योरिटी (Cloud security) 

Cloud security, cloud based systems जैसे data और applications को सुरक्षित करने की प्रक्रिया है। जो खास तौर पर यह सुनिश्चित करती है, कि cloud storage और services पर मौजूद information और data सुरक्षित रहे। 

आजकल अधिकतर data, cloud पर ही store होते हैं जैसे Google drive, Dropbox, AWS आदि। दरअसल इसमें cloud provider और user दोनों की जिम्मेदारी शामिल होती है कि cloud configuration में कोई गलती ना हो और डाटा सुरक्षित रहे।

एप्लीकेशन सिक्योरिटी (Application security) 

किसी भी software और Apps को design करने या develop करने के दौरान application security का इस्तेमाल किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि software या App में किसी तरह की कोई कमजोरी ना हो जिसका फायदा hackers उठा सके। इसके अंतर्गत web Apps, browser, mobile Apps और desktop software शामिल है।

मोबाइल सिक्योरिटी (Mobile security) 

Mobile security, खासतौर पर smartphones, tablets और अन्य mobile devices को साइबर खतरों से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, specially यह इसमें मौजूद data और Apps को सुरक्षित रखता है।

आज के समय में mobile phones हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह हमारा bank, wallet और social life सब मेंटेन करता है। इसलिए यह साइबर खतरे जैसे malware, phishing और unsecure Wi-Fi से हमारे mobile phones को secure रखता है।

एंडप्वाइंट सिक्योरिटी (Endpoint security) 

Endpoint security हर उस devices जैसे laptop, mobile, desktop आदि को सुरक्षित करने की प्रक्रिया है, जो network से जुड़ा होता है। endpoint जिसका मतलब है, network का हर connected device यानी कि अगर एक device hack हो जाए तो पूरा का पूरा network खतरे में पड़ सकता है और इसमें remote working devices भी शामिल है।

साइबर सुरक्षा का महत्व क्या है | Importance of cyber security

आज के digital world में cyber security बहुत ज्यादा जरूरी है और इसका हमारी जिंदगी में क्या महत्व है, इसके बारे में हम यहां नीचे बात करेंगे – 

1. Personal Information Security 

आज कल online कई platforms पर अपनी personal information डालनी होती है जैसे हमारा नाम, पता, bank details, password आदि जिसे hackers, hack करने की कोशिश में रहते हैं।

उदाहरण के लिए: अगर कोई आपका बैंक पासवर्ड चुरा ले, तो आपका सारा पैसा खतरे में पड़ सकता है।

2. Business Security

Cyber security, companies के datas जैसे customers के informations, financial records, projects की जानकारी आदि को सुरक्षित रखता है।

उदाहरण के लिए: यदि कोई e-commerce site hack हो जाए, तो customers का भरोसा उस company से टूट सकता है।

3. National Security

देश के महत्वपूर्ण system जैसे कि बैंकिंग, बिजली, सेना आदि को cyber security, साइबर हमलों से बचाती है। उदाहरण के लिए: यदि कोई देश भारत के banking system को hack कर ले, तो देश की पूरी अर्थव्यवस्था तहस नहस हो सकती है।

4. Financial Loss से Protection

यह cyber crime से होने वाले पैसों की चोरी और हेरा फेरी के नुकसान से रोकता है। उदाहरण के लिए: रैनसमवेयर (Ransomware) हमले में hackers, data lock करके पैसे मांगते हैं, उन्हें रोकने का काम cyber security का ही होता है।

5. Online Fraud से Protection

साइबर सिक्योरिटी कई online धोखाधड़ी से भी protect करता है। जैसे phishing, scam, malware आदि। उदाहरण के लिए: email से password चुराने की कोशिश को cyber security आसानी से पकड़ सकता है।

साइबर सिक्योरिटी के खतरे| Threats to Cyber security

Cyber Security kya hai

यह जानना और समझना बहुत जरूरी है, कि कितने तरह के साइबर खतरे होते है जिनसे साइबर सिक्योरिटी आसानी से निपट सकता है। हम यहां ऐसे ही कुछ खतरों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे साइबर सिक्योरिटी बचाने में मदद करता है।

1. मैलवेयर (Malware) – 

यह एक software होता है, जिनके कई प्रकार हैं जैसे virus, Adware, Worm, Spyware आदि। जिसे खास तौर पर किसी भी computer या mobile phones को नुकसान पहुंचाने या personal information चुराने के लिए बनाया गया है। 

2. फिशिंग (Phishing) – 

यह online, fraud website या email के जरिए internet users की personal information जैसे bank details, password, address, social media accounts information आदि चुरा लेते है।

3. रैनसमवेयर (Ransomware) – 

यह भी एक तरह का software होता है जिसे इस तरह से desgin किया गया है कि वह किसी भी system में जाकर फाइलों को encrypt कर देता है। सरल शब्दों में कहें तो यह data को lock करके लोगों से फिरौती मांगता है।

4. DDoS अटैक (Distributed Denial-of-Service attack) – 

इसके अंतर्गत अपराधी कई अलग-अलग तरीकों से किसी website या online servicess पर अधिक traffic भेज कर उसे क्रैश कर देते है।

5. हैकिंग (Hacking) – 

Hacking एक tecqniqe है, जो किसी भी system के data या networks तक unauthorised तरीके से पहुंचकर उनके system में हेर फेर करना, जरूरी data चुरा लेना तथा system को नुकसान पहुंचना है।

साइबर सिक्योरिटी कैसे काम करती है? 

साइबर सिक्योरिटी कई अलग-अलग स्तरों पर काम करता है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट्स हम नीचे बता रहे हैं जैसे की – 

  • Cyber security का सबसे जरूरी काम होता है, कि system में मौजूद खतरों को तलाश करना। उन्हें यह देखना कि कहीं system में कोई problems या कुछ गलत तो नहीं है।
  • System को cyber हमले से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण tools का इस्तेमाल करना जैसे firewall, encryption, antivirus आदि ताकि hackers system को नुकसान न पहुंच सके।
  • लगातार network और device को monitoring करते रहना ताकि अगर कुछ भी गलत या खतरा नजर आए तो जल्द एक्शन ले सके। 

साइबर सिक्योरिटी में चुनौतियां| Challenges in Cyber Security

समय के साथ साइबर सिक्योरिटी की चुनौतियां भी बढ़ती जा रही है जिसके बारे में हम यहां पर चर्चा कर रहे हैं जैसे की – 

साइबर हमलों का तेजी से बढ़ना और बदलना

समय के साथ हर साल साइबर हमले जैसे malware, hacking, phishing बढ़ रहे हैं और उनके तरीके भी लगातार बदलते जा रहे हैं। 

Hackers आए दिन system को hack करने और नुकसान पहुंचाने के नए-नए तरीके ढूंढते हैं जैसे AI based हमले या Ransomware attack जिससे बचना बहुत मुश्किल है।

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल तकरीबन 1.5 मिलियन से भी ज्यादा साइबर हमले होते हैं।

Professional skills की कमी

Cyber security में काम करने के लिए professional और skilled लोगों की बहुत कमी है। दरअसल इस field में experts की demand बहुत ज्यादा है लेकिन supply कम है। 

एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में cyber security professionals की कमी 30% से भी ज्यादा बताई जाती है और नए हमलों और techniques को समझने तथा attack को रोकने के लिए advanced skills की जानकारी होना जरूरी है जो हर किसी के पास नहीं होती है। 

Budget और resources की कमी 

Cyber security को लागू करने के लिए पैसे और latest technology की जरूरत होती है, जो हर किसी के पास संभव नहीं है। दरअसल छोटी companies या startup के पास costly security tools खरीदने का budget नहीं होता है। 

इसके अलावा Security software training और monitoring में बहुत ज्यादा खर्चा आता है और सरकार भी इतने बड़े पैमाने पर security system नहीं लगा पाती है। जिसके वजह से companies को data और पैसे का नुकसान उठाना पड़ता है। 

Complex system

आज के नए system जैसे cloud, IoT इतने बड़े और complex है, कि इन्हें पूरी तरह से सुरक्षित कर पाना बहुत मुश्किल है। Internet of things (IoT) में smart devices जैसे की freeze, camera आदि भी हैक हो सकते हैं। जी हां एक Smarthome का camera हैक होकर सारी privacy भंग कर सकता है ऐसे में हर हिस्से को सुरक्षित रख पाना लगभग असंभव है।

Cloud और hybrid system में data कई जगह Store होते हैं, जिससे हर जगह security लगाना बहुत मुश्किल है। सरल शब्दों में कहे तो जितनी ज्यादा devices और connections उतने ही ज्यादा खतरे।

तेजी से बदलती Technology 

दिन प्रतिदिन technology में बदलाव आ रही है और security system इसके साथ सही तालमेल नहीं बिठा पा रही है। दरअसल AI 5G blockchain जैसी नई technology के साथ नए खतरे भी दस्तक दे रहे हैं। 

पुराने technology tools इन नई technology के लिए काम नहीं करते। hackers भी नई technology का फायदा उठाते हैं जैसे AI से fake videos बनाना आदि। Security team को हर समय नया सीखना पड़ता है, जो बहुत चुनौतीपूर्ण है।

साइबर सिक्योरिटी के टूल्स और तकनीक

कुछ ऐसे महत्वपूर्ण tools भी है, जिसके इस्तेमाल से साइबर हमलों से बचा जा सकता है। जैसे कि – 

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Anti-virus software) – बहुत से ऐसे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर available है, जैसे कि Quick Heal, Kaspersky आदि जो system से मैलवेयर को हटाता है।

फायरवॉल (Firewall) – यह network में प्रवेश करने वाले अनचाहे traffic को रोकने का कार्य करता है। 

मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi factor authentication) – यह एक security technique है जो password और OTP के जरिए किसी भी website या App को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। मुख्यतः इसका काम password और OTP generate करना होता है।

पेनेट्रेशन टेस्टिंग (Penetration testing) – यह एक नकली साइबर हमला होता है, जिसे system की कमजोरियों का पता लगाने के लिए किया जाता है ताकि system को और बेहतर ढंग से सुरक्षित करने की कोशिश की जा सके।

इंक्रिप्शन (Encryption) – यह किसी भी तरह के data को code में बदलकर उन्हें सुरक्षित रखने का काम करता है।

अंतिम शब्द

इस लेख में आज हमने Cyber Security क्या है? Cyber security कितने प्रकार की होती है के बारे में जाना है। इसके साथ ही साथ हमने Cyber security कैसे काम करता है तथा Cyber security के खतरे क्या क्या है के बारे में जाना है। उम्मीद करते है यह लेख आपको अच्छी तरह से समझ आ गयी होगी। लेकिन यदि इस विषय से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए तो आप नीचे कमेंट करके अपने प्रश्न पूछ सकते हैं।

FAQ

साइबर सुरक्षा के जनक कौन थे?

साइबर सुरक्षा के जनक कंप्यूटर साइंटिस्ट बॉब थॉमस को माना जाता है, जिन्होंने 1971 में सबसे पहला कंप्यूटर वायरस लॉन्च किया था।

साइबर सुरक्षा को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

साइबर सुरक्षा को इंग्लिश में साइबर सिक्योरिटी (cyber security) के नाम से जाना जाता है।

साइबर सुरक्षा कितने प्रकार की होती हैं?

साइबर सुरक्षा मुख्ता: 5 प्रकार की होती है।

साइबर हेल्पलाइन नंबर क्या है?

साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायत दर्ज करने के लिए साइबर नेशनल हेल्पलाइन नंबर है 1930 यह service 24 घंटे available होता है।

साइबर क्राइम की सजा क्या है?

IT act के अंतर्गत Cyber crime मामलों में पकड़े जाने वाले अपराधी को 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। साथ ही एक लाख रुपए या उससे अधिक तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है

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मेरा नाम Asif Ansari है। मैं एक Professional Website Developer हूँ और Blogging मेरा Passion है। मुझे Technologies में गहरी रुचि है, मेरा उद्देश्य है, कि मैं अपने ज्ञान और कौशल की मदद से लोगों तक Technology, Education और Gaming से संबंधित Latest जानकारी पहुँचा सकूं।

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