UPS क्या है: UPS का नाम तो आप सब ने सुना ही होगा। एक ऐसा electronic device जो electricity कटने या power supply में उतार-चढ़ाव होने पर आपके electronic devices को लगातार electricity प्रदान करता है ताकि आपके devices अचानक बंद ना हो और जरूरी data corrupt ना हो।
लेकिन वास्तव में UPS क्या है और यह कैसे काम करता है, इसका उपयोग कहाँ कहाँ होता है? इन सब सवालों के जवाब आज हम यहां इस लेख के माध्यम से आपको विस्तार से बताएंगे। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, यूपीएस कितने प्रकार के होते हैं, इसका महत्व क्या है तथा यूपीएस और इन्वर्टर में क्या अंतर है।
🔗 Contents
- UPS क्या है? – What is UPS
- यूपीएस कितने प्रकार के होते है? – Types of UPS
- UPS कैसे काम करता है (How does UPS work)
- UPS की विशेषताएं (Features of UPS)
- यूपीएस की क्षमता (UPS capacity)
- UPS का महत्व (Importance of UPS)
- UPS का उपयोग कहाँ कहाँ होता है
- यूपीएस और इन्वर्टर में क्या अंतर है (Difference between UPS and inverter)
- अंतिम शब्द
- FAQ
UPS क्या है? – What is UPS
UPS यानी Uninterruptible Power Supply जिसे हिंदी में “निर्बाध विद्युत आपूर्ति” के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह का battey होता है, जो main power supply के बंद होने पर तुरंत backup power supply करता है।
दरअसल इसका इस्तेमाल ज्यादातर ऐसी जगहों पर होता है, जहां पर power कटने से बड़े नुकसान हो सकते हैं। जैसे कि घर में computer या TV के लिए, office में server और network devices के लिए तथा hospital में medical devices के लिए।
यह UPS की capacity पर depend करता है, कि power कटने पर वह कितनी देर तक backup power supply कर सकता है। छोटे UPS जो PC के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, वह 5 से 30 मिनट तक backup power supply दे सकता है। वही medium UPS जिसका इस्तेमाल office या server के लिए किया जाता है वह घंटों तक backup power supply कर सकते है।
सरल शब्दों में कहा जाए तो UPS का मुख्य लक्ष्य electronic devices को अचानक बंद होने से बचाना है ताकि system में कोई issue ना आए और system से कोई important file या data corrupt ना हो।
यूपीएस कितने प्रकार के होते है? – Types of UPS
UPS कई तरह के होते हैं और उन्हें अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से design किया गया है। यहां हम मुख्य तीन प्रकार के UPS के बारे में बताने वाले हैं, जो कुछ इस तरह है –
ऑफलाइन/स्टैंडबाय (Offline / Standby UPS)
यह सबसे साधारण और सस्ता UPS होता है, जो main power काटने के बाद system को backup power supply करता है।
सरल शब्दों में कहे तो, जब main power on होता है तो यह device को सीधे main power supply करता है। लेकिन बिजली कटने पर यह कुछ मिली सेकंड में battery mode पर switch करता है यानी system को backup power supply करता है।
उपयोग: इस तरह के UPS का इस्तेमाल अधिकतर घरों में जैसे computer आदि के लिए किया जाता है।
लाइन-इंटरैक्टिव (Line – interactive UPS)
यह Medium level का UPS होता है, जो power supply के उतार चढ़ाव और fluctuation को भी control कर सकता है। दरअसल इस तरह के UPS में voltage regulator होता है, जो बिजली के voltage को stable रखता है और power supply कटने पर यह battery से power supply करता है।
उपयोग: इस तरह के UPS का इस्तेमाल छोटे office, server या network equipment के लिए किया जाता है।
ऑनलाइन/डबल कन्वर्जन (Online / double conversion UPS)
यह सबसे best और costly UPS है, जो हमेशा battery से ही power supply करता है। दरअसल यह UPS main power को पहले battery charge करने के लिए use करता है और फिर device को battery से ही power supply करता है। यानी इसमें power supply कटने पर कोई switching time नहीं लगा होता है।
उपयोग: इस तरह के UPS का इस्तेमाल खास तौर पर hospital, data centre और बड़े-बड़े server के लिए किया जाता है।
UPS कैसे काम करता है (How does UPS work)
UPS के काम करने का तरीका बिल्कुल इसके design और प्रकार पर depend करता है। लेकिन इसका basic process कुछ इस तरह से है।
Components
बैटरी (Battery) – इसका मुख्य काम electricity जाने पर power supply करना होता है।
रेक्टिफायर / चार्जर (Rectifier / Charger) – इसका काम है battery charge करना है। इसके अलावा ये main power (AC) को battery के लिए DC में बदलता है।
इन्वर्टर (Inverter) – Inverter का काम होता है battery की DC power को device के लिए AC में चेंज करना।
Switching मैकेनिज्म (Switching mechanism) – इसका काम है, main power और battery के बीच switch करना।
Voltage regulator (Voltage regulator) – voltage regulator कुछ ही UPS में देखने को मिलता है। इसका काम होता है, आ रहे power supply के उतार चढ़ाव को stable रखना।
Working Process
सामान्य स्थिति – जब main power on होता है, तो UPS बिजली को device तक पहुंचाता है और साथ ही साथ वह अपनी battery को भी charge करता है।
Power काटने पर – जब power कटता है तब UPS का switching system battery mode पर चला जाता है। यानी यह system को backup power supply करता है। टेक्निकल भाषा में inverter battery की DC power को AC में बदलकर device को देता है और यह प्रक्रिया चंद मिलीसेकंड में होती है ताकि device बंद ना हो सके।
Power वापस आने पर – जब power आ जाता है यानी main power supply शुरू होने पर UPS का backup power supply बंद हो जाता है और वह फिर से main power लेना start करता है, जिससे battery वापस से charge होने लग जाती है।
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UPS की विशेषताएं (Features of UPS)
UPS की विशेषताएं इसके design और कार्य करने की क्षमता से जुड़ी होती है। इसके features ही इसे एक साधारण power backup device से diffrent बनाती है। तो आए फिर इसके कुछ मुख्य विशेषताओं के बारे में जानते है –
Voltage regulation
UPS का काम main power supply के उतार-चढ़ाव को control करना है यानी की power supply के high voltage और low voltage की मुसीबत को solve करना है और उसे stable रखना है।
बता दे की line interactive और online UPS में automatic voltage regulator होता है, जो voltage को 220V से 240V के बीच रखता है। अगर main power में voltage 180V तक गिर जाए तो UPS उसे बढ़ाकर stable कर देता है, जिससे device खराब होने से बच जाता है।
Safety features
UPS में कई सुरक्षा system भी मौजूद होते हैं, जो device और user को नुकसान होने से बचाता है। जैसे की जरूरत से ज्यादा load होने पर UPS automatic बंद हो जाता है। Wiring में खराबी होने पर circuit break कर सकता है यानी की short circuit से भी यह protect करता है और power fluctuation होने से भी यह बचाता है।
Uninterruptible power supply
UPS की सबसे बड़ी खासियत है, कि यह power supply कटने पर तुरंत backup power supply करता है, ताकि device immediately बंद ना हो सके। जिससे device corrupt होने से बच जाए और data सुरक्षित रहे।
Compact design and portability
UPS को कुछ इस तरह से design किया गया है, कि इसे कहीं भी आसानी से रखा जा सके। यह आकार में छोटा और हल्का होता है। ज्यादातर UPS desktop या floor पर फिट हो जाते हैं और कुछ portable model भी available है ताकि आसानी से किसी भी स्थान पर इसे install किया जा सके।
यूपीएस की क्षमता (UPS capacity)
UPS की capacity यह तय करती है कि यह कितनी देर तक और कितने बड़े load को backup दे सकता है। आइए इसे और विस्तार से समझते हैं –
पावर रेटिंग (Power rating) – UPS को power देने कि capacity W (watt) या VA (volt Ampere) में मापी जाती है। जैसे कि छोटे UPS जिसका का इस्तेमाल PC के लिए किया जाता है, उसकी capacity होती है 600VA 1000VA जबकि medium UPS जिनका इस्तेमाल office और server के लिए किया जाता है, उसकी capacity होती है 1kVA से 10kVA
बैकअप टाइम (Backup time) – यदि backup timing की बात की जाए यानी की power supply कटने के बाद UPS कितनी देर तक device को backup power supply कर सकता है, तो छोटे UPS जो PC के लिए इस्तेमाल होते हैं 5 से 30 मिनट तक और medium UPS जिनका इस्तेमाल office वगैरह में किया जाता है, वह 30 मिनट से लगभग एक घंटे तक backup दे सकते हैं।
UPS का महत्व (Importance of UPS)
UPS सिर्फ एक backup device नहीं है बल्कि यह data और devices को सुरक्षित रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि power कट होने या fluctuate होने की स्थिति में device के खराब होने की संभावना बहुत अधिक होती है लिए हम नीचे UPS के महत्व को और विस्तार से समझते हैं –
Data की सुरक्षा – आजकल अधिकतर काम computer, server या online system पर ही होता है। ऐसे में यदि power अचानक चली जाए तो important documents और database corrupt हो सकता है।
लेकिन UPS कुछ मिनट का backup time देता है जिससे user अपने file को save कर सकते हैं या system को सुरक्षित रूप से बंद कर सकते हैं।
Devices की सुरक्षा – UPS power supply के उतार चढ़ाव और fluctuation से electronic devices को बचाता है।
सरल शब्दों में कहे, तो power supply में अचानक बदलाव जैसे low voltage और high voltage या power fluctuate होना आदि से device के circuit को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में UPS में voltage regulation protection होता है, जो power को stable रखता है और device को सुरक्षित करता है।
काम में स्थिरता – अच्छी बात यह है, कि power supply कट होने पर भी UPS system को चालू रखता है। कुछ जगहों पर power supply का अचानक कटना बहुत बड़ा नुकसान कर सकता है।
जैसे hospital में medical devices , office के server या दुकानों में POS मशीन। लेकिन UPS backup power देकर इन system को तब तक चलाए रखता है, जब तक main power वापस ना आए या generator on ना हो जाए।
UPS का उपयोग कहाँ कहाँ होता है
कई ऐसी जगह है, जहां पर UPS का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की –
- घरों में – Computer, Router, TV, Gaming console
- Office में – Server, Workstation, Network devices
- अस्पतालों में – Ventilator, Monitoring system, other equipment
- दुकानों में – POS मशीन, Cash register
- Industry में – Machinery, Data centre
यूपीएस और इन्वर्टर में क्या अंतर है (Difference between UPS and inverter)
UPS और inverter दोनों ही power supply cut होने पर backup power देने वाले equipment है। लेकिन इनके designs और कार्य क्षमता में कई अंतर है, जिनके बारे में हम यहां बात कर रहे हैं।
UPS | Inverter |
---|---|
एक ऐसा device जो power supply कट होने पर तुरंत backup power देता है और system को बंद होने से बचाता है। | एक ऐसा device जो battery की DC power को AC में बदलकर लंबे समय तक power supply करता है। |
UPS power supply कट होने के बाद कुछ ही मिनट के लिए backup power supply करता है ताकि system को सुरक्षित तौर पर बंद किया जा सके। | Inverter बिजली कटने पर घंटो तक backup power supply करता है, खासकर बड़े load के लिए। |
UPS में बहुत कम switching time होता है। देखा जाए तो इसमें केवल 4 से 10 मिली सेकंड का ही switching time होता है ताकि कोई भी device अचानक बंद ना हो। | Inverter में switching time बहुत ज्यादा होता है। देखा जाए तो इसमें 20 से 25 मिली सेकंड का switching time होता है, जिससे कोई भी device power supply के कट होने पर अचानक बंद हो सकता है। |
UPS की backup timing अलग-अलग होती है। छोटे UPS में 5 से 30 मिनट का backup मिलता है और इससे बड़े UPS में 30 से 1 घंटे तक का backup मिलता है। | Inverter की backup capacity अच्छी होती है। वैसे तो अलग-अलग inverter में अलग-अलग backup capacity होती है। लेकिन सबसे basic और low model के inverter की बात करें, तो वह कम से कम 2 से 12 घंटे तक का backup दे सकता है। |
अंतिम शब्द
इस लेख में आज हमने UPS क्या है और यह कैसे काम करता है तथा UPS के प्रकार और महत्व के बारे में विस्तार से बात की है। उम्मीद करते हैं, यहां दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। लेकिन इसके बावजूद यदि आपको इससे संबंधित कोई और डिटेल्स चाहिए, तो हमें जरूर कमेंट के माध्यम से बताएं हम आपके प्रश्नों के उत्तर अवश्य देंगे।
FAQ
यूपीएस का दूसरा नाम क्या है?
यूपीएस का दूसरा नाम battery backup या power backup system है। इसके अलावा इसे Uninterruptible power supply भी कहा जाता है
एक यूपीएस कितने घंटे चलता है?
आमतौर पर यूपीएस 5 मिनट से 3 मिनट तक चलता है लेकिन यह खास तौर पर battery की capacity और load पर भी डिपेंड करता है बड़े UPS घंटो तक चल सकते हैं।
यूपीएस कितने वोल्ट का होता है?
यूपीएस की voltage की rating इसके input और output पर depend करती है, जो आमतौर पर UPS इस्तेमाल करने के तरीके के हिसाब से तय होता है।
यूपीएस का रेट क्या है?
यूपीएस का रेट इसकी capacity, brand और types पर depend करता है। छोटे UPS PC के लिए 2000 से 5 000, medium UPS office या server के लिए 10,000 से 30,000 बड़े UPS data centre या industry के लिए 50,000 से 1,50,000
यूपीएस का फुल फॉर्म क्या है?
UPS का full form है, Uninterruptible Power Supply.