Email में CC और BCC क्या होता है 
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Email में CC और BCC क्या होता है 

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आज हम बात करने वाले है, Email में CC और BCC क्या होता है ? Email तो आज के समय में लगभग हर कोई use करता है। शायद ही कोई होगा जो वर्तमान समय में email का इस्तेमाल ना करता हो,  क्योंकि वर्तमान में सारे काम digital हो गए हैं

इसलिए हर जगह ही email की जरूरत पड़ती है चाहे वह college का कोई form भरना हो या online shopping करनी हो हर जगह email id की जरूरत पड़ती है। 

लेकिन क्या आपने कभी mail करते समय यह ध्यान दिया है, कि जहां email id enter की जाती है वहां पर तीन अलग-अलग options दिए होते हैं To, Cc और Bcc वैसे तो ज्यादातर लोग first option यानी ‘To’ का ही इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है, कि CC और BCC का इस्तेमाल कब और क्यों किया जाता है और email में CC और BCC का अर्थ क्या है? 

यदि आप किसी office में job करते हैं, तो आपको email में दिए गए इन तीनों options के बारे में पूर्ण रूप से ज्ञान होना आवश्यक है, क्योंकि office में mail send करने की जरूरत ज्यादा होती है।

इन्हीं कारणों की वजह से हमने सोचा कि क्यों ना आज का यह post इसी विषय पर बनाया जाए। इसलिए हम यहां नीचे आपको Email में CC और BCC क्या होता है, CC और BCC में क्या अंतर है और TO और CC में क्या अंतर है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। 

Email में CC क्या होता है

Email में CC और BCC क्या होता है 

CC का full form होता है ‘Carbon Copy‘ जिसका मतलब होता है कि, यह किसी भी mail की Carbon Copy  दूसरों को भेजने की permission देता है। आसान भाषा में कहें तो यदि आप किसी को मेल send कर रहे हैं और आप चाहते हैं, कि बाकी लोगों को भी यह पता चले कि आप उसे क्या mail send कर रहे हैं तो आप बाकी लोगों की email id CC में enter कर सकते हैं।

Email में CC कब use करना चाहिए 

Email में CC का इस्तेमाल खास तौर पर तब किया जाता है,  जब हमें अपने seniors को यह बताना हो,  कि हम अपने clients को या customers को क्या mail कर रहे हैं।

जैसे कि जब हम किसी client को mail send करते हैं तो उसकी Id को ‘To’ में रखा जाता है और जिस seniors को हमें यह बताना होता है कि हम किस client को क्या mail कर रहे है, तो उसकी email id  को ‘Cc’ में रखा जाता है। आइए इसे उदाहरण स्वरूप और विस्तार से समझते हैं – 

उदहारण के लिए – 

मान लीजिए कि आप कोई product selling company में काम करते है और आपके product से किसी customer को कोई समस्या आ रही है। इसलिए वह mail के through आपको अपनी समस्या बता रहा है। लेकिन इस problem को solve करने की जिम्मेदारी आपके senior या boss ने आपको दि है। 

इसलिए आपको उस customer को mail का reply करते हुए problem solve करनी है। और साथ ही आप अपने boss को यह भी बताना चाह रहे हैं, कि आपने उस customer को mail में क्या reply किया और कैसे problem solve की है।

तो ऐसी स्थिति में customer की email id ‘To’ में रखी जाती है और boss की email id ‘Cc’ में रखी जाती है ताकि आपके द्वारा send की गई mail दोनों को प्राप्त हो और दोनों को इस बारे में जानकारी भी हो कि यह mail दोनों को मिला है। 

Email में BCC क्या होता है

Email me BCC kya hota hai 

Email में BCC का full form है ‘Blind Carbon Copy’ ई-मेल का यह फीचर अन्य 2 पिक्चर्स की तुलना में बहुत डिफरेंट होता है। ई-मेल में बीसीसी का मतलब होता है की सामने वाले को पता ही ना चले यह मेल किसी और को भी सेंड किया गया है

आसान भाषा में कहें तो जब सामने वाले व्यक्ति से यह बात गुप्त रखी जाती है कि यह मेल और किन-किन लोगों को सेंड की गई है तब बीसीसी का यूज़ किया जाता है

Email में BCC कब use करना चाहिए 

Email में BCC का इस्तेमाल करने से enter किए गए email id private और hidden रहती है। BCC का इस्तेमाल खास तौर पर उस समय किया जाता है, जब एक साथ आपको कई लोगों को mail send करना हो और आप यह नहीं चाहते कि सामने वाला व्यक्ति को यह पता चले कि आप यह mail और किन-किन लोगों को send किए हैं। 

Mail करते समय To और Cc में enter की गई email id एक दूसरे को देख सकते हैं, लेकिन Bcc में enter किए गए email id को To और CC  नहीं देख सकते है।

लेकिन Bcc इन दोनों को देख सकता है। Bcc के माध्यम से मेल किए गए mail केवल भेजने वाले व्यक्ति को पता रहता है। लेकिन To और Cc को इस बात का जरा भी ज्ञान नहीं होता कि यह mail किसी तीसरे के पास भी गई है।  

उदाहरण के लिए 

यदि एक ही mail तीन अलग लोगों को भेजा जाए जिनमें से एक को To में रखा जाए और दूसरे को Cc में तथा तीसरे इंसान को Bcc में add किया जाए तो To और Cc एक दूसरे की email id देख सकते हैं कि उनके अलावा किन लोगों को यह mail send की गई है लेकिन तीसरा व्यक्ति जो Bcc में रखा गया था वे ना तो To वाले को दिखाई देगा और ना ही Cc वाले को यानी कि यह इन दोनों से गुप्त रहेगा। 

CC और BC में क्या अन्तर है  

CC और Bcc में काफी अन्तर है जिसके बारे में हम नीचे  बात करेंगे – 

  • Cc में add किए गए लोगों को reply का पता चलता रहता है  लेकिन Bcc में reply छिप जाता है यानी reply किसी को भी दिखाई नहीं देता।
  • Cc का इस्तेमाल tab किया जाता है जब आप दूसरों को बताना चाहते है, कि यह mail और  किन-किन लोगों को send किया गया है। लेकिन Bcc का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब आप सामने वाले को यह नहीं बताना चाहते है, कि यह mail किसी तीसरे व्यक्ति को भी send किया गया है  

TO और CC में क्या अन्तर है 

To और CC  में भी कुछ अन्तर है जिसके बारे मे हम नीचे बात कर वाले है। जैसे – 

To का use करके यदि आप अलग अलग लोगों को mail करते है तो उन सभी लोगों  यह नहीं पता चल पाएगा कि यह mail और किन किन लोगों को send किया गया है।

वहीं यदि CC का use करके एक साथ कई लोगों को mail send किया गया तो उन सभी को इस बारे में ज्ञात होगा कि यह mail और किन किन लोगों को send किया गया है। 

अंतिम शब्द 

आज का यह post ‘Email में CC और BCC क्या होता है’ इस विषय पर आधारित था। हमने इस post में आपको Email में CC और BCC क्या है इसके बारे में तो विस्तार से बताया है।

साथ ही साथ हमने CC और BCC में क्या अंतर है और TO और CC में क्या अंतर है इसके  बारे में भी आपको पूर्ण रूप से जानकारी provide की है।

इसके अलावा BCC और CC का इस्तेमाल email में कब करना चाहिए इसके बारे में भी हमने थोड़ी जानकारी दी है।

उम्मीद करते हैं, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए useful रही होगी खासतौर पर उन लोगों के लिए जो office वगैरह में job करते हैं,  उन्हें इस post की वजह से काफी मदद मिली होगी।

आशा करते हैं, आप लोगों से कि इस post को आप अपने जानने वालों के साथ जरुर share करेंगे ताकि उन्हें भी email इन तीनों features के बारे में पूर्ण रूप से ज्ञान प्राप्त हो सके।

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मेरा नाम Asif Ansari है। मैं एक Professional WordPress developer हूँ और Blogging मेरा Passion है। मुझे Technologies में गहरी रुचि है, मेरा उद्देश्य है, कि मैं अपने ज्ञान और कौशल की मदद से लोगों तक Technology, Education और Gaming से संबंधित Latest जानकारी पहुँचा सकूं।

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