URL क्या है? SEO के लिए URL कैसे Optimise करें 2024
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URL क्या है? SEO के लिए URL कैसे Optimise करें 2024

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URL क्या है SEO के लिए URL कैसे Optimise करें? यह एक ऐसा प्रश्न है, जिसे आए दिन लोग Internet पर Search करते हैं और जवाब की तलाश में रहते हैं। आपको बता दें, कि URL Internet का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें Internet पर मौजूद किसी भी Website या Web Page तक पहुंचने में मदद करता है लेकिन कैसे? 

यदि आप इसका जवाब जानना चाहते हैं, तो इस लेख में अंत तक जरूर बने रहे। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, URL kya hai aur kaise kaam karta hai इसके साथ ही साथ हम जानेंगे की URL ka mahatva क्या है और URL kaise SEO ranking ko behtar bana sakta hai – 

URL क्या है – यूआरएल का क्या अर्थ है

URL ka full form ‘Uniform Resource Locator’ (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर) होता है। जिसे हिंदी में ‘समान संसाधन लोकेटर’ कहा जाता है। यह एक Web Address होता है जो किसी Web Page, Images, Videos या किसी अन्य Online संसाधन का पता बताता है। 

URL विभिन्न Website या अलग-अलग Platforms के लिए एक अलग और Unique Address होता है। यानी की हम किसी भी Browser में किसी भी Web Page या Website का URL Type करके उस Web Page या Website को Open कर सकते हैं।

URL kaise kaam karta hai – यूआरएल कैसे काम करता है

URL kya hota hai ये तो आपने समझ लिया लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है, कि आखिर URL काम कैसे करता है? तो चलिए आज हम यहां पर URL के काम करने के तरीके के बारे में चर्चा करते हैं – 

  1. जब आप किसी URL को अपने Browser में Type करते हैं, तो Browser DNS (Domain Name System) से संपर्क करता है। DNS एक तरह की Phone Book है, जो Doamin नामों को IP Address में Change कर देता है
  2. IP Address एक संख्यात्मक पता है यानी की एक Numerical Address है, जो Internet पर मौजूद हर एक Device को अच्छी तरह से पहचानता है।
  3. Change करने के बाद Browser तब IP Address का इस्तेमाल करके उस Website या Server से जुड़ता है, जहाँ Data मौजूद है।
  4. अब Website या Server वहाँ मौजूद Data को आपके Browser में भेजते है।
  5. जिसके बाद Browser, Data को screen पर प्रदर्शित करता है। 

URL ke Parts – URL के विभिन्न भाग 

URL को और अच्छी तरह से समझने के लिए आपको URL के अलग-अलग हिस्सों को यानी भागों को समझना होगा, जिसकी मदद से एक URL बनकर तैयार होता है। आईए जानते हैं, URL के कितने Parts होते हैं और उनके कार्य क्या होते हैं – 

url-kya-hota-hai

Protocol – प्रोटोकॉल 

Protocol URL का सबसे पहला भाग है, जो यह बताता है कि Data को कैसे स्थानांतरित किया जाएगा। इसे कुछ इस तरह लिखा जाता है http या https. यह आमतौर पर “://” से पहले आता है और इसमें अक्षर शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए, “http://” और “https://” यह सबसे आम प्रोटोकॉल हैं। जो आमतौर पर सभी जगह इस्तेमाल में आता है। http का full form होता है Hypertext Transfer Protocol और https का फुल फॉर्म हैं, Hypertext Transfer Protocol Secure. 

उदाहरण के लिए – 

https//www.hindjosh.com/home 

ऊपर दिए गए इस URL में, Protocol “https” है। जो यह बताता है, कि इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करके हम किसी भी Web Browser और Web Server यानी कि जहां पर विभिन्न Website Host रहते है, दोनों एक दूसरे से संपर्क कर सकता है। प्रोटोकॉल URL का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसके बिना URL बनना नामुमकिन है। 

Domain Name – डोमेन नाम 

यह URL का दूसरा भाग है और यह उस Website का नाम बताता है, जिसे आप देखना चाहते हैं। यह आमतौर पर डॉट (“.”) से पहले आता है और इसमें अक्षर, संख्या और हाइफ़न (-) शामिल हो सकते हैं।

दूसरे शब्दों में कहे तो यह Internet पर एक Website की पहचान करता है, जिसे आप किसी भी Browser में Type करके किसी भी Website पर आसानी से जा सकते हैं। Domain Name को HostName के नाम से भी जाना जाता हैहै। 

उदाहरण के लिए – 

Hindjosh.com और “wikipedia.org” डोमेन नाम हैं।

डोमेन नेम में दो मुख्य हिस्से होते हैं जैसे – 

Top- level Domain (TLD): 

यह Domain Name का वह हिस्सा है, जो प्राय: डॉट (‘.’) के बाद आता है जैसे की .com, .net, .org 

Second-level Domain (SLD): 

यह Domain Name का वह हिस्सा है, जो TLD यानी कि डॉट (‘.’) से पहले आता है या आमतौर पर Website का नाम या Brand का नाम होता है। जैसे की – google.com, Amazon.com 

Path (पथ) या Resource Path 

यह URL का तीसरा भाग है और यह उस खास Page या File को बताता है, जिसे आप देखना चाहते हैं। यह आमतौर पर “/” से शुरू होता है और इसमें Folder और File नाम शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए – 

https://hindjosh.com/about/

अब ऊपर बताए गए URL में पथ है ‘/about’ जो हमें यह दर्शा रहा है, कि हम Hindjosh Website के About Page को देख रहे हैं। 

पथ को Resource Path या File Path के नाम से भी जाना जाता है। यह URL का एक Optional Part होता है यानी कि कुछ URL में Path दिए होते हैं, तो किसी किसी में पथ नहीं होते हैं। जैसे की – 

https://hindjosh.com/

Types of URL – URL के प्रकार 

Internet पर मौजूद किसी भी Web Page File या Data को Search करने में URL का इस्तेमाल होता है। यह एक Street Address की तरह होता है, जो आपको बताता है कि Internet पर विभिन्न चीजें कहां मिलेंगी। 

URL के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं :

Absolute URL – पूर्ण URL

Absolute URL ऐसे URL होते हैं, जो किसी भी Web Page का पूरा पता बताते हैं। सरल शब्दों में कहें तो Internet पर जब हमें किसी Particular Web Page पर जाना होता है, तो हमें Browser में उस Web Page का पूरा URL लिखना पड़ता है, उसे ही Absolute URL कहा जाता है। 

उदाहरण के लिए – 

यदि आपको अपने Browser पर Hindjosh का Website खोलना है, तो उसके लिए आपको Hindjosh Web Page का पूरा Address जैसे www.hindjosh.com लिखकर Search करना होगा। Web Page का पूर्ण Address ही Absolute URL कहलाता है। 

Relative URL – सापेक्ष URL

जब आप किसी Web Page का केवल सापेक्ष पता बताते हैं यानी की किसी भी Website का कोई एक Particular Page के बारे में बताने के लिए जिस URL का प्रयोग किया जाता है, उसे ही Relative URL कहते हैं। 

उदाहरण के लिए – 

देखा जाए तो अभी आप हिंदी जोश Website पर https://hindjosh.com/URL-क्या-है Web Page पर है, जहां पर आपको URL के बारे में सभी जानकारी दी गई है। लेकिन अगर आप किसी और विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जैसे कि Best Hosting Provider in India. 

तो आपको केवल ‘/URL-क्या-है’ Remove करके उसके स्थान पर /best-hosting-providers-in-india लिख कर search कर लें। यानी की कुछ इस तरह से https://hindjosh.com/best-hosting-providers-in-india/ तो आप उस पर page direct चले जाएंगे। 

यानी कि किसी Particular Web Page के बारे में बताने वाले URL को Relative URL कहा जाता है। 

URL के कुछ उपयोग 

Internet की दुनिया में URL का उपयोग कई जगहों पर किया जाता है। हम यहां कुछ महत्वपूर्ण चीज़े बता रहे हैं, जहां पर आप URL का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की – 

  • आप किसी भी Web Browser में URL Type करके किसी भी Website को आसानी से access कर सकते हैं।
  • आप HTML acode में URL का उपयोग करके Web Pages को link कर सकते हैं।
  • आप Emails में URL को include कर सकते हैं ताकि Recipients उन links को click करके websites या web pages को access कर सकें।

SEO के लिए URL कैसे Optimise करें

SEO (Search Engine Optimization) में URL Optimization एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह Search Engine को, आपके Web Page को समझने और रैंक करने में मदद करता है।

URL ko Optimize karne ke Tips

  • URL प्राय: छोटा और सरल होना चाहिए तथा इसमें केवल आवश्यक शब्दों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • URL में हमेशा मुख्य Keywords का ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि यही Search Engine को बताता है कि Post किस बारे में है।
  • शब्दों को अलग करने के लिए Hyphens (-) का इस्तेमाल हमेशा करना चाहिए।
  • URL में अधिकतर Lowercase Latter का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • URL Code Discriptive बनाएं ताकि Users यह समझ सके कि Page किस बारे में है।
  • URL में Special Carectors जैसे की %, #, ?, ! आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।

अंतिम शब्द – URL kya है

आज का यह लेख यहीं पर समाप्त होता है, आज के इस लेख में हमने जाना की URL क्या है / SEO के लिए URL कैसे Optimise करें तथा URL kaise banta hai. उम्मीद करते हैं, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए Useful साबित हुई होगी। 

लेकिन इसके अतिरिक्त यदि इस विषय से संबंधित आपको और अधिक जानकारी चाहिए या कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से आप अपने प्रश्न हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपके प्रश्न के जवाब जल्द से जल्द अवश्य देंगे।

URL क्या है से संबंधित FAQ

यूआरएल कितने प्रकार के होते हैं? 

यूआरएल दो प्रकार के होते हैं, Absolute URL और Relative URL. 

यूआरएल शब्द का क्या अर्थ है? 

यूआरएल का अर्थ है यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर जो बताता है कि Data कहां स्थित है और इसे कैसे एक्सेस किया जाए। 

domain name kya hai? 

Domain Internet पर आपके घर का पता है। जैसे आपके घर का पता आपको डाक भेजने में मदद करता है, वैसे ही Domain लोगों को आपके website तक पहुंचने में मदद करता है।

यूआरएल कैसे बनाते हैं? 

यूआरएल के विभिन्न भागों जैसे प्रोटोकॉल, डोमेन नेम, पथ आदि का इस्तेमाल करते हुए यूआरएल बनाया जा सकता है। 

URL tracking kaise karen? 

UTM parameters का इस्तेमाल करके URL tracking कर सकते हैं। 

About Author
मेरा नाम Asif Ansari है। मैं एक Professional WordPress developer हूँ और Blogging मेरा Passion है। मुझे Technologies में गहरी रुचि है, मेरा उद्देश्य है, कि मैं अपने ज्ञान और कौशल की मदद से लोगों तक Technology, Education और Gaming से संबंधित Latest जानकारी पहुँचा सकूं।

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